तीस्ता सीतलवाडके खिलाफ कार्रवाई समाप्त करें । प्रतिरोध सम्मेलन 2015 जुलाई 31, तृश्शूर साहित्य अकादमी हॉल में

तीस्ता सीतलवाडके खिलाफ कार्रवाई समाप्त करें ।
प्रतिरोध सम्मेलन
2015 जुलाई 31, तृश्शूर साहित्य अकादमी हॉल में
          मानवीय अधिकार कार्यकर्ता और लेखक श्रीमती तीस्ता सीतलवाड के खिलाफ गुजरात राज्य और केंद्र की भाजपा सरकारों द्वारा वर्षों से जारी आखेट अब हद से बाहर हो गया है । तीस्ता के घर में और उनकी अगुआई के सिटिसन्स फॉर जस्टिस एण्ड पीस, सबरंग ट्रस्ट आदि संगठनों के कार्यालयों में सी बी आई द्वारा की गई छापा इस हमले का हिस्सा है । समाज सेवा के लिए तीस्ता और उनके पति जावेद आनंद द्वारा चंदा के रूप में एकत्रित धनराशि को धोखाधड़ी से किया गया बोलकर उन्हें गिरफ्तार करके जेल में डालने की  साजिश ही सरकार द्वारा की जा रही  है । उनका बदनाम  करने और उनके खिलाफ अफ़वाहें फैलाने के लिए सांप्रदायिक शक्तियों द्वारा कोशिशें पहले से हो रही है, अब सरकार भी उनकी पांति में आ गई है ।
          वर्ष 2002 में जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उस समय गोधरा घटना के बाद राज्य भर में भड़काए गए सांप्रदायिक दंगे के अवसर पर तीस्ता और उनके सहयोगियों ने हत्याओं की खबर प्रकाश में लाई, दंगा पीड़ितों को मदद पहुंचाई, अपराधियों को न्यायालय के सामने लाने की कोशीशें की और माया कोटनिस जैसे मोदी मंत्रि परिषद के सदस्यों तक को आजीवन कारावास दिलवाने के लिए मुकदमे चलाए । उनकी इन कार्रवाईयों के खिलाफ सरकार का बदला ही झूठे केस और सी बी आई तलाशी के रूप में बाहर आ रहा है ।
          2002 के बाद भी मोदी सरकार के शासनकाल में गुजरात में हुए बहुत सारे फर्जी मुठभेड़ों की सच्चाई बाहर लाने और उन मामलों में  मुकदमा चलाने में तीस्ता और उनके सहयोगियों ने काफी प्रयास किया था । इन फर्जी मुठभेड़ों में सोहराबुद्दीन शेख, कौसरबी, इसरत जहां, केरल का प्राणेष कुमार पिल्लै आदि कईयों की हत्या हुई थी । वर्तमान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने, जो मोदी की गुजरात सरकार में गृह मंत्री थे, इन फर्जी मुठभेड़ मामलों में अभियुक्त होकर महीनों कारावास भुगते हैं । नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री होने के बाद ही अभियुक्तों की सूची से अमित शाह का नाम निकालने का निर्णय हुआ ।
          तीस्ता सीतलवाड और उनके सहयोगियों के खिलाफ आरोप और झूठे इल्ज़ाम लगाकर जांच और उनका उत्पीड़न करते हुए सरकार दर असल जनतांत्रिक और धर्म निरपेक्ष मूल्यों को ही चुनौती दे रही है ।  तीस्ता के खिलाफ हो रही सरकारी कार्रवाई के विरुद्ध देश भर के धर्म निरपेक्ष लोगों का सशक्त विरोध उठना चाहिए ।
          महाराष्ट्र के मालेगांव में हिन्दू सांप्रदायिक ताकतों द्वारा किए गए बम विस्फोट मामले में और अजमीर दर्गा के सामने तथा समझौता एक्सप्रेस में उनके द्वारा किए गए आतंकवादी हमलों के मामलों में जांच और मुकदमा मंद करने के लिए केंद्र सरकार ने जो गुप्त निर्देश दिया था, वह हाल में बाहर आया था । केंद्र में  शासन करने वाली मोदी सरकार और उसकी अगुआई कर रहे संघ परिवार की सांप्रदायिक राजनीति भारत के धर्म निरपेक्ष मूल्यबोध को ध्वस्त करने की साजिश में लगे हैं । इन धर्म निरपेक्ष, धार्मिक, मानवीय अधिकार मूल्यों के प्रतीक के रूप में तीस्ता सीतलवाड को जानकार ही केंद्र की मोदी सरकार उनका आखेट कर रही है ।
          इस अवसर पर सारे धर्म निरपेक्ष और जनतांत्रिक ताकतों से हम अनुरोध करते हैं कि तीस्ता सीतलवाड और उनके सहयोगियों से ऐक्यभाव की घोषणा करने और सांप्रदायिक राजनीति का और उसके सभी प्रकार के सत्ता प्रयोगों का मुक़ाबला करने के लिए सामने आए ।
          तीस्ता सीतलवाड के खिलाफ सांप्रदायिक, राजनीतिक ताकतों और सरकार द्वार किए जा रहे हमलों  का विरोध करने तथा तीस्ता से एकजुटता की घोषणा करने के लिए 31 जुलाई 2015 को शाम 5.00 बजे तृश्शूर साहित्य अकादमी के चङ्ग्म्पुषा हॉल में प्रतिरोध सम्मेलन आयोजित की जा रही है जिसमें कला,सांस्कृतिक, राजनीतिक क्षेत्र के जानेमाने हस्तियां भाग ले रहे हैं । सबकी उपस्थिति और सहयोग की कामना कराते हुए,             

तृश्शूर                                                                                          के.ए. मोहनदास (अध्यक्ष)
24/07/2015                                                                                         पी.के. वेणुगोपाल (सचिव)
जनकीय कला साहित्य वेदी